साहब ‘मैं जिन्दा हूँ’ की तल्खी टांगे जिलाधिकारी कार्यालय पहुँचा पीड़ित
जौनपुर। बुधवार को क्षेत्र से एक अजब-गजब मामला सामने आया। जहाँएक व्यक्ति ने अपने गले में ‘मैं जिन्दा हूँ’ की तल्खी टांगे जिलाधिकारी कार्यालय पहुँच गया। जिसे देखकर विभाग में अफरा-तफरी मच गई। घण्टो लोग इस मामले की गहराई जानने के फिराक में जुटे रहें। इसी दौरान पहले तो जिलाधिकारी ने व्यक्ति को बैठाकर चाय पिलाई और फिर विस्तार से उनकी समस्याएं सुनी।

पीड़ित बक्शा थाना क्षेत्र के विजय बहादुर ने जिलाधिकारी को सौंपे गये ज्ञापन में बताया कि खुशहुपुर ग्राम में विजयबहादुर बनाम सुनील कुमार आदि का मुकदमा न्यायालय में विचाराधीन था, जिसे जिला जज जौनपुर द्वारा खारिज किया गया। जिसमें विजयबहादुर के लिये उच्च न्यायालय इलाहाबाद से अस्थगन आदेश पारित कर पक्षों की अनुपस्थित में वाद खारिज कर दिया। इस आदेश के विरूद्ध शंकर पुत्र स्व.बोड़ई राम व अशोक कुमार पुत्र विजय बहादुर रिकॉल प्रार्थना पत्र दिया, जो आज भी लंबित चल रहा है।

आरोप है कि इसी बीच शंकर व मया शंकर आदि ने उक्त आराजी के बाद उपजिलाधिकारी सदर के न्यायालय में धारा-116 को मुकदमा राम कुमार बनाम हरिशंकर आदि दाखिल किया। मयाशंकर ने विजयबहादुर के विरूद्ध फाट बनवाकर बिना सुनवाई किये एक पक्षीय तौर से फर्जी हस्ताक्षर व नोटरी हलफनामा मेरे लड़के अशोक कुमार का बनवाकर आदेश पारित करा दिया। कार्यवाही में फर्जी नोटरी हलफनामा बनाकर दिया, जिस समय का नोटरी हलफनामा बनाया गया है।

उस समय मेरे लड़के अशोक कुमार को धारा 170, 126 व 135 बीएनएसएस के तहत 19 नवम्बर 2024 पकड़या था तथा थाने में बन्द किया गया था। इसी दौरान एसडीएम द्वारा थाने से शांति भंग के बारे में मगाई गई, जिसमें मेरे पिता विजयबहादुर को स्व.विजयबहादुर लिखकर रिपोर्ट प्रेषित की गई है। सारी कार्यवाही नियम के विरूद्ध दबाव में की गई है। आरोप है कि हल्का लेखपाल मिथिलेश कुमार ने अपने साथ प्रभात यादव लेखपाल व उमेश लेखपाल के साथ थाना बक्शा के इलाका पुलिस एसआई दुर्गविजय यादव व रविन्द्रनाथ पाण्डेय आदि को लेकर मौके पर गये और हटवाने के लिए दबाव देने लगें। उन लोगों ने छप्पर में आग लगा दिया।








