डेटोल बनेगा स्वस्थ इंडिया कार्यक्रम के तहत जागरण पहल
रेकिट इंडिया और रेड पांडा के संयुक्त प्रयास से स्वच्छ और स्वस्थ भारत की ओर एक ऐतिहासिक पहल–रवीन्द्र मिश्रा
जिला सावंदाता विवेक सिनहा
पूर्वांचल 24*7 न्यूज़
वाराणसी उत्तरप्रदेश
वाराणसी।भारत में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं,विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में,आज भी गंभीर चिंता का विषय हैं। इन्हीं चिंताओं को ध्यान में रखते हुए डेटोल बनेगा स्वस्थ इंडिया कार्यक्रम के तहत जागरण पहल, रेकिट इंडिया और रेड पांडा के संयुक्त तत्वावधान में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम “डेटाँल डायरिया नेट जीरो डेटॅंल बनेगा स्वस्थ इंडिया कार्यक्रम के तहत जागरण पहल, रेकिट इंडिया और रेड पांडा के संयुक्त प्रयास से स्वच्छ और स्वस्थ भारत की ओर एक ऐतिहासिक पहल हुई है जो कि राष्ट्र हित के लिए लाभकारी सिद्ध हुआ है।
भारत में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में, आज भी गंभीर चिंता का विषय हैं। इन्हीं चिंताओं को ध्यान में रखते हुए डेटोल बनेगा स्वस्थ इंडिया कार्यक्रम के तहत जागरण पहल, रेकिट इंडिया और रेड पांडा के संयुक्त तत्वावधान में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम “डेटाँल डायरिया नेट जीरो प्रोजेक्ट” परियोजना का आयोजन कर ( पन्द्रह सौ ) से अधिक गांवों में मिड मीडिया नुक्कड़ नाटक कर के किया गया।
इस अभियान के तहत इस वर्ष उत्तर प्रदेश के चालीस जनपदों के बारहसौ ग्राम पंचायतों में जागरुकता और व्यवहार परिवर्त्तन के दिशा में कार्य किये गये है, जहां पन्द्रह सौ से अधिक मिड-मीडिया इवेंट्स के माध्यम से लोगों को डायरिया से बचाव और उपचार के प्रति जागरूक किया गया। यह आयोजन अपने आप में एक ऐतिहासिक पहल बन गया, जिसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू एच ओ) के सात सूत्रीय दिशा-निर्देशों के आधार पर जागरूकता फैलाई गई जिससे लाखो बच्चे और परिवार जनो को जानकारी मिली। इस इवेंट कार्यक्रम से माँ अपने बच्चे को डायरिया और संक्रमण बीमारियों से बचाने में पहले से ही ध्यान रखकर होने वाली बीमारियो से रोकथाम कर सकेगी !
नुक्कड़ नाटकों(ओआरएस )काउंटरों और स्थानीय संवादों के माध्यम से सरल और प्रभावशाली तरीके से जानकारी प्रदान की गई।
अभियान के दौरान लगभग दो लाख बच्चों और उनके परिवारों तक पहुंच बनाई गई। लोगों को डायरिया जैसी जानलेवा बीमारी से बचाव, लक्षणों की पहचान और इलाज के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
ग्रामीण परिवेश को ध्यान में रखते हुए स्थानीय भाषा, सांस्कृतिक रंगों और सामुदायिक भागीदारी को विशेष महत्व दिया गया।
इस जागरुकता अभियान के जरिए न केवल लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया गया, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाया गया, जिससे वे भविष्य में भी ऐसे रोगों से सतर्क रह सकें। गांव-गांव में हुए इन आयोजनों से लाखों लोग लाभान्वित हुए हैं।
ग्रामीणों ने इस आयोजन की मुक्तकंठ से प्रशंसा की और जागरण पहल, रेकिट इंडिया तथा रेड पांडा के सभी सदस्यों को इस सराहनीय कार्य के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। इन प्रयासों से यह साबित हुआ कि जब संगठित प्रयास और सही दिशा में की गई पहल मिलती है, तो समाज में सकारात्मक परिवर्तन निश्चित रूप से संभव होता है।

