जौनपुर में लगा धारा 163
जौनपुर। जिला मजिस्ट्रेट डा0 दिनेश चन्द्र ने अवगत कराया है कि जनपद में आयोजित विभिन्न परीक्षाओं तथा आगामी पर्व 21 अप्रैल 2025 को ईस्टर मन्डे, 29 अप्रैल 2025 को बुद्व पुर्णिमा और ईदुज्जुहा (बकरीद) को शान्तिमय वातावरण में सम्पन्न कराये जाने के दृष्टिगत असामाजिक एवं अवांछनीय तत्वों की गतिविधियों एवं उनके कार्यकलापों से शान्तिभंग होने की सम्भावना उत्पन्न हो सकती है।

जिसके दृष्टिगत जनपद जौनपुर की सीमा के अर्न्तगत लोक प्रशान्ति एवं शान्ति व्यवस्था बनाये रखने हेतु भारतीय नागरिक सुरक्षा की धारा 163 के अर्न्तगत निषेधाज्ञा जारी किया गया है।

धारा 163 क्या है
धारा 163 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की एक धारा है, जो मजिस्ट्रेट को तत्काल मामलों में निवारक आदेश जारी करने की शक्ति प्रदान करती है, जैसे कि सार्वजनिक अशांति या दंगे रोकने के लिए। यह धारा दिल्ली में भी लागू की गई थी।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएस) की धारा 163
आपातकालीन स्थिति या किसी बड़ी परेशानी पर नियंत्रण करने के लिए लागू की जाती है. पहले इसे भारतीय दंड संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के नाम से जाना जाता था.
धारा 163 लागू करने के लिए ज़िला मजिस्ट्रेट को ये अधिकार होते हैं:
उपद्रव या खतरे के अत्यावश्यक मामलों में आदेश जारी करना
किसी व्यक्ति को कुछ कार्यों से दूर रहने का निर्देश देना

धारा 163 लागू करने के कुछ उदाहरण:
दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था में खलल पड़ने की संभावना को देखते हुए, दिल्ली पुलिस ने धारा 163 लागू की थी.
उत्तर प्रदेश सरकार ने राजधानी लखनऊ में 14 नवंबर से 12 जनवरी 2025 तक धारा 163 लागू की थी।
धारा 163 लागू करने के तहत ये पाबंदियां लगाई जा सकती हैं:
नुक्कड़ सभा, विरोध प्रदर्शन, जनसभा, जुलूस जैसे आयोजनों पर रोक
सुरक्षाबलों के अलावा किसी को भी हथियार लेकर चलने की इजाज़त नहीं
धारा 163 के उल्लंघन पर भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के तहत कार्रवाई की जा सकती है।





