माधुर्य और ऐश्वर्य से परिपूर्ण है भगवान श्रीकृष्ण की लीला: मनोज अवस्थी
आकाश सोनी ब्यूरो
सुइथाकला, जौनपुर। स्थानीय विकास खण्ड के पिपरौल गांव में रमेश चन्द्र मिश्र के निज निवास पर चल रही सप्त दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के समापन दिवस पर भारी संख्या में श्रोतागण उपस्थित रहे।श्रीमद्भागवत कथा के अन्तरराष्ट्रीय कथा व्यास मनोज अवस्थी जी महाराज ने श्रीकृष्ण-सुदामा एवं राजा परीक्षित की कथा सुनाकर उपस्थित भक्तों को भाव विभोर कर दिया।

श्रीकृष्ण-सुदामा मित्रता की कथा सुनाते हुए संत प्रवर ने कहा कि प्रेम और मुक्ति के दाता परमात्मा भगवान श्रीकृष्ण की शक्ति अनन्त है, इसलिए उनकी माधुर्य और ऐश्वर्य से परिपूर्ण लीलाएं भी अनन्त है। सुदामा द्वारा फटी पोटली में भेंट स्वरूप लाये गये तन्दुल को श्रीकृष्ण बरबस अपने हाथ से खींच लेते हैं और कहते हैं कि मित्र तुम्हारी यह भेंट हमें ही नहीं, पूरे संसार को तृप्त करने के लिए पर्याप्त है।भगवान श्रीकृष्ण द्वारा सुदामा की सेवा स्वर्ग, मोक्ष, पृथ्वी और रसातल की सम्पत्ति तथा योगसिद्धियों की प्राप्ति से बढ़कर थी।

भगवान श्रीकृष्ण के सुदामा के प्रति स्नेह से जहां मित्र धर्म की सार्थकता प्रकट हुई, वहीं दूसरी ओर मित्रता में धनवान और निर्धन के बीच प्रगाढ़ प्रेम, ब्रह्म के प्रति भक्ति, आदर और निष्काम प्रेम भाव भी दिखायी दिया। राजा परीक्षित की कथा के क्रम में कथा व्यास ने व्रह्म और आत्मा के एकाकार रूप और ईश्वर भक्ति की महिमा का वर्णन किया। कथा आरम्भ से पूर्व मुख्य यजमान द्वारा विधि—विधान से देव पूजन किया गया।

समापन अवसर पर उपस्थित भक्तजन आरती लेकर प्रसाद ग्रहण किये।कथा संयोजक मण्डल में एडवोकेट कपिलदेव मिश्र, अमित मिश्रा, उमेश मिश्र, आदर्श मिश्र, आशीष मिश्र, प्रशान्त मिश्र, अर्पित मिश्र, अंकित मिश्र, शिवम मिश्र, प्रफुल मिश्र, आर्विक मिश्र, शवी मिश्र, सार्थक मिश्र, शौर्य मिश्र सहित तमाम कथाप्रेमी उपस्थित रहे।





