भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बहुत बड़ी कार्रवाई
एक उद्योगपति से अभिषेक प्रकाश ने पांच प्रतिशत कमीशन मांगा था। IAS अधिकारी ने घूस के लिए अपने बाबू को लगा रखा था। अभिषेक प्रकाश के बाबू को गिरफ्तार कर लिया गया है। बाबू ने कबूला है कि घूस मांगने के किए अभिषेक ने कहा था।
सीनियर आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश सस्पेंड। भ्रष्टाचार पर सीएम योगी ने 2006 बैच के आईएएस सचिव औद्योगिक विकास विभाग व इन्वेस्ट यूपी के CEO अभिषेक प्रकाश को निलंबित किया,
अभिषेक एक बेहद विवादित आईएएस अधिकारी हैं जो भ्रष्ट प्रैक्टिस के लिए जाने जाते हैं।
लखनऊ के जिलाधिकारी रहते अभिषेक प्रकाश ने बड़ा जमीन घोटाला भी किया था। उसकी भी रिपोर्ट सरकार के पास है।
ये कार्रवाई उद्योग लगाने के बदले घूस मांगने के मामले में हुई है।

क्या है मामला?
शुरूआती जानकारी के अनुसार, सोलर इंडस्ट्री लगाने के लिए एक उद्यमी इन्वेस्ट यूपी में आवेदन किया था. मगर आरोप है कि एक बिचौलिए ने उद्यमी से कमीशन मांगा. इसके बाद उद्यमी ने मामले की शिकायत पुलिस से की. बाद में शिकायत मिलने पर योगी सरकार ने मामले में बड़ा एक्शन लेते हुए इन्वेस्टमेंट यूपी के CEO अभिषेक प्रकाश को सस्पेंड किया. साथ ही पुलिस ने वसूलीबाज को भी अरेस्ट कर लिया है।

कौन हैं IAS अभिषेक प्रकाश?
आपको बता दें कि अभिषेक प्रकाश 2006 बैच के IAS अफसर हैं. साल 1982 में जन्मे अभिषेक प्रकाश मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं. वर्तमान में वह सचिव, उत्तर प्रदेश सरकार, आईडीसी विभाग एवं सीईओ इन्वेस्ट यूपी का चार्ज संभल रहे थे. उन्होंने साल 2000 से 2004 के बीच IIT रुड़की से इंजीनियरिंग की है. इसके बाद उन्होंने पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन और पब्लिक पॉलिसी में एमए किया. बता दें कि अभिषेक प्रकाश लखीमपुर खीरी, लखनऊ, अलीगढ़ और हमीरपुर जिलों के डीएम भी रह चुके हैं।

जानकारी के मुताबिक, राजस्व परिषद के चेयरमैन रजनीश दुबे ने इस मामले में एक जांच की थी। जिसमें उन्होंने तत्कालीन डीएम अभिषेक प्रकाश, एडीएम अमरपाल, एसडीएम, कानूनगो और लेखपाल समेत कई अधिकारियों को आरोपी बनाया गया था। योगी सरकार ने सचिव स्तर के अधिकारी अभिषेक प्रकाश को सस्पेंड कर दिया है। आईएएस अभिषेक प्रकाश एलडीए के वीसी और लखनऊ डीएम के पद पर एक साथ तैनात रह चुके हैं। अभिषेक प्रकाश सरकार के खास होने के चलते काफी समय तक लखनऊ के जिलाधिकारी रहे चुके हैं।






